मोदी सरकार की अनदेखी से नाराज वृद्ध EPS -95 पेंशनर जंतर-मंतर पर करेंगे प्रदर्शन , आर-पार की संघर्ष का ऐलान।

मोदी सरकार की अनदेखी से नाराज वृद्ध EPS -95 पेंशनर जंतर-मंतर पर करेंगे प्रदर्शन , आर-पार की संघर्ष का ऐलान।

समस्या का समाधान नहीं होने पर गंभीर परिणाम भुगतने की राष्ट्रीय संघर्ष समिति की धमकी

देश भर से लाखों पेंशनर्स धरने में होंगे शामिल

नई दिल्ली, 29th July, 2024 :

वृद्ध पेंशनरों की समस्याओं की अनदेखी से नाराज होकर ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने 31 जुलाई को जंतर मंतर पर आर-पार की लड़ाई के तहत धरना देने की घोषणा की है। पिछले 8 वर्षों से देशभर के 78 लाख पेंशनर न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं की है। वर्तमान में पेंशनरों को औसतन केवल रु. 1450/- मासिक पेंशन मिल रही है, जबकि 36 लाख पेंशनरों को तो रु. 1000/- से भी कम पेंशन पर गुजारा करना पड़ रहा है। कमांडर राऊत ने कहा है कि अब हम उन राजनीतिक दलों को समर्थन देंगे, जो हमारी समस्याओं को सुलझाने के लिए आगे आएंगे।” उन्होंने कहा, “हमारा संघर्ष जारी रहेगा और हम अपनी मांगें पूरी करवाकर रहेंगे।”

ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने दिल्ली में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि लंबे समय तक नियमित पेंशन फंड में योगदान के बावजूद पेंशनरों को इतनी कम पेंशन मिल रही है। ईपीएफओ पेंशनरों के फंड पर कुंडली मारे बैठा हुआ है और जब पेंशन बढ़ाने की मांग की जाती है तो फंड की कमी का बहाना बना दिया जाता है। मिल रही पेंशन में एक वृद्ध दंपति तक का गुजर बसर करना मुश्किल हो रहा है।

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कमांडर अशोक राऊत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दो बार और वित्त मंत्री, श्रम मंत्री सहित शासन स्तर पर बातचीत के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसके चलते पेंशनरों में निराशा बढ़ी है। उन्होंने बताया कि सभी दलों को चाहिए कि वे पेंशनरों की मांगें पूरी करने में सहयोग करें ताकि वृद्ध जन अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में सम्मान से जी सकें। राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि यदि महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। बता दें कि महाराष्ट्र में 13 लाख निवृत्त परिवारों और डेढ़ करोड़ कार्यरत परिवारों का समर्थन समिति के साथ है। ऐसे में विधानसभा चुनाव परिणामों पर इसका असर पड़ सकता है।

वीरेंद्र सिंह ने कहा, “प्रतिदिन दोनों सदनों में अनेक सांसदों द्वारा ईपीएस-95 पेंशन बढ़ाने की मांग की जा रही है और इस पर प्रश्न भी पूछे जा रहे हैं परंतु श्रम मंत्रालय द्वारा गोल-गोल जवाब देकर सदन को भ्रमित किया जा रहा है सभी दलों चाहे पक्ष हो या विपक्ष उनकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि देश के लाखों वृद्ध पेंशनरो की मानवीय आधार पर न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए महीना, महंगाई भत्ता एवं मुफ्त चिकित्सा के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार बिना किसी भेदभाव के पेंशनर्स को उच्च पेंशन का लाभ दिलवाने में सहयोग करें ताकि वृद्ध जन अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में सम्मान सहित और कुछ वर्षों तक जी सके।

राष्ट्रीय सचिव रमेश बहुगुणा ने कहा, “समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 29 और 30 जुलाई को दिल्ली में हो रही है, जिसमें पेंशनरों की मांगों पर चर्चा की जाएगी। यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो 31 जुलाई और 1 अगस्त को जंतर मंतर पर धरना दिया जाएगा, जिसमें देश भर से पेंशनर शामिल होंगे।

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