प्राकृतिक खेती का वैश्विक संदेश कुरुक्षेत्र से : सांसद नवीन जिंदल

By JA Bureau | 09/05/2025 | Categories: देश
प्राकृतिक खेती का वैश्विक संदेश कुरुक्षेत्र से : सांसद नवीन जिंदल

कृषि तकनीकी प्रदर्शनी एवं स्टार्टअप कॉन्क्लेव में बोले – किसानों की आमदनी बढ़ाने और देश को पोषक अनाज देने का माध्यम बनेगी प्राकृतिक खेती

9 मई 2025, नई दिल्ली

सांसद नवीन जिंदल ने कहा है कि कुरुक्षेत्र की पावन भूमि से पूरे विश्व को प्राकृतिक खेती का संदेश दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और पद्मश्री डा. हरिओम मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को तभी बल मिलेगा जब किसानों के भीतर इसे लेकर जुनून और जागरूकता होगी।

सांसद जिंदल कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित तीन दिवसीय कृषि-तकनीकी प्रदर्शनी एवं स्टार्टअप कॉन्क्लेव के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि न केवल किसानों के जीवन को बेहतर बनाती है, बल्कि समाज और देश को भी मजबूत करती है। किसानों की आय दोगुनी-तीन गुनी करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें निरंतर प्रयासरत हैं, लेकिन इसके लिए किसानों को भी आगे आना होगा और खेती के पारंपरिक तरीकों को त्यागकर प्राकृतिक खेती अपनानी होगी।

सांसद ने जानकारी दी कि नेशनल मिशन ऑन नेच्युरल फार्मिंग के तहत ₹2,481 करोड़ की योजना जारी की गई है। इस मिशन का उद्देश्य किसानों को रसायन मुक्त खेती के लिए प्रेरित करना और पोषक तत्वों से भरपूर अनाज उत्पादन को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पन्न उत्पादों की बाजार में अधिक मांग है। जो लोग अपने परिवार और स्वास्थ्य को लेकर सजग हैं, वे प्राकृतिक उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं। किसानों को चाहिए कि वे सबसे पहले अपने परिवार के लिए प्राकृतिक खेती करना प्रारंभ करें और फिर इसे वृहद स्तर पर अपनाएं।

प्राकृतिक खेती का वैश्विक संदेश कुरुक्षेत्र से : सांसद नवीन जिंदल

सेमीनार, संवाद और प्रशिक्षण से मिलेगा मार्गदर्शन

सांसद जिंदल ने कहा कि इस तीन दिवसीय सेमीनार में देशभर के प्रगतिशील और उन्नत किसान भाग ले रहे हैं, जो नई तकनीकों की जानकारी लेकर आए हैं। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे इनसे संवाद करें, सीखें और अपने खेतों में इसे अपनाएं। रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान को समझते हुए अब प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाना होगा।

उन्होंने कहा कि आगे चलकर पशुपालकों और युवाओं के लिए भी विशेष सेमीनार आयोजित किए जाएंगे। पशुपालकों को अपनी पाली हुई गाय-भैंसों की नस्ल और उनके पूर्वजों की जानकारी होनी चाहिए। वहीं युवाओं को स्टार्टअप और तकनीकी नवाचारों की जानकारी देना आवश्यक है।

प्राकृतिक खेती का वैश्विक संदेश कुरुक्षेत्र से : सांसद नवीन जिंदल

देश की सुरक्षा और नेतृत्व की चर्चा करते हुए सांसद ने कहा कि हमें अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना पर गर्व है। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद का सख्ती से जवाब देगा। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से ‘भारत माता की जय’ का जयघोष करवाया और सैनिकों का हौसला बढ़ाया।

पद्मश्री डा. हरिओम ने जानकारी दी कि प्राकृतिक खेती को लेकर सांसद नवीन जिंदल ने संसद में विशेष रूप से मुद्दा उठाया था और किसानों को जागरूक करने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि 12 वैज्ञानिकों की एक टीम ने वर्ष 2023 में एक रिपोर्ट जारी की, जिसके अनुसार 1970 से अब तक गेहूं और धान में पोषक तत्वों में 45% तक गिरावट आई है। रिपोर्ट चेतावनी देती है कि यदि यही स्थिति बनी रही तो आने वाले 15 वर्षों में ये फसलें खाने योग्य नहीं बचेंगी।

इसके साथ ही जमीन के जल स्तर और गुणवत्ता में भी गिरावट दर्ज की गई है। हरियाणा के 21 जिलों में नाइट्रेट और क्लोराइड की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है।

प्राकृतिक खेती ही समाधान : संतुलित पोषण और जल संरक्षण की राह

डा. हरिओम ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने खेतों को फिर से उपजाऊ और स्वस्थ बनाएं। इसके लिए प्राकृतिक खेती को अपनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसानों को पहले प्रशिक्षण लेकर, घर की जरूरतों के लिए इस खेती की शुरुआत करनी चाहिए और धीरे-धीरे बड़े स्तर पर इसे अपनाना चाहिए। यही तरीका है जिससे हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी उपजाऊ भूमि सौंप सकते हैं।

इस अवसर पर पूंडरी विधायक सतपाल जाम्बा, भाजपा जिलाध्यक्ष तेजिन्द्र सिंह गोल्डी, भाजपा नेता सुभाष कलसाना, पद्मश्री डा. हरिओम, कृषि उपनिदेशक डा. कर्मचंद, जिला परिषद चेयरपर्सन कंवलजीत कौर, नगर परिषद चेयरपर्सन माफी ढांडा, कैथल जिला परिषद चेयरमैन कर्मबीर कौल, पूर्व विधायक तेजवीर सिंह, भाजपा नेता रविंद्र सांगवान, मंडल अध्यक्ष जगदीप सांगवान, राहुल ढींगड़ा समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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