वित्त मंत्री सीतारमण से EPS-95 पेंशनभोगियों की मुलाकात: पेंशन में सुधार और चिकित्सा सुविधाओं की मांग पर हुआ मंथन

वित्त मंत्री सीतारमण से EPS-95 पेंशनभोगियों की मुलाकात: पेंशन में सुधार और चिकित्सा सुविधाओं की मांग पर हुआ मंथन

*# EPS-95 पेंशनभोगियों ने रखी न्यूनतम 7,500 रुपये पेंशन और मुफ्त चिकित्सा सुविधा की मांग
*# सरकार ने दी आश्वासन: पेंशन सुधार पर जल्द होगा ठोस निर्णय*

*नई दिल्ली, 30 अगस्त, 2024 –

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) के पेंशनभोगियों की वर्षों से लंबित मांगों को लेकर आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में EPS-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत समेत कई वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया। पेंशनभोगियों ने अपनी पेंशन में वृद्धि और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की मांग को लेकर सरकार से ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।

EPS-95 पेंशनभोगी पिछले आठ वर्षों से अपनी पेंशन में 1,450 रुपये प्रति माह के औसत से न्यूनतम 7,500 रुपये प्रति माह तक की वृद्धि की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, पेंशनभोगियों और उनके जीवनसाथी के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा की भी मांग की गई है। प्रधानमंत्री द्वारा पूर्व में दो बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण पेंशनभोगियों में असंतोष व्याप्त है।

बैठक के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री से पेंशन में वृद्धि, उच्च पेंशन लाभों को बिना किसी भेदभाव के लागू करने, और पेंशनभोगियों व उनके जीवनसाथी के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की मांग की। इस पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार बुजुर्गों की जरूरतों के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील है और EPS-95 के प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार पेंशनभोगियों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने महाराष्ट्र के बुलढाणा में पिछले 2,075 दिनों से चल रही पेंशनभोगियों की भूख हड़ताल को समाप्त करने की भी अपील की।

इस बैठक से पहले, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त और श्रम मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के साथ भी EPS-95 पेंशनभोगियों की समस्याओं और उनके समाधान पर विस्तृत चर्चा हो चुकी है। अब देश भर के 77 लाख पेंशनभोगी सरकार से ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं, जो उनकी वित्तीय कठिनाइयों को कम कर सके और उन्हें एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान कर सके।

देश