फिल्म रीडिंग के बिना फिल्म की बारीकियों को समझना संभव नहीः डॉ. मिश्रा

फिल्म रीडिंग के बिना फिल्म की बारीकियों को समझना संभव नहीः डॉ. मिश्रा

नई दिल्ली , 04 April, 2025:

मैनेजमेंट एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, एमईआरआई कॉलेज, जनकपुरी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा मंगलवार को ऑनलाइन एक्सपर्ट टॉक का आयोजन किया गया। एक्सपर्ट टॉक का विषय था- ‘आर्ट ऑफ फिल्म रीडिंग’ इस अवसर पर मुख्य वक्ता के तौर पर मीडिया छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए फिल्म डायरेक्टर डॉ. महेश कुमार मिश्र ने कहा कि फिल्मों में संकेत के माध्यम से बहुत कुछ बताने का कोशिश की जाती है। जो व्यक्ति इन संकेतों को जानेगा, वह फिल्म बनाने के उद्देश्य और उसकी उपयोगिता के बारे में भी बता सकता है। इसलिए फिल्म रीडिंग को फिल्म समीक्षा का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। उन्होंने कहा कि फिल्म रीडिंग के बिना फिल्म की बारीकियों को समझना संभव नहीं होता।

डॉ. मिश्रा ने तीन फिल्मों- टु सॉल्यूशन फॉर वन प्रॉब्लेम, 2+2 = 5 और ब्रेड एंड अले फिल्मों के दृश्यों के सहारे छात्र-छात्रओं को फिल्म रीडिंग की तकनीक सिखाई। कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया. जिसमें छात्र-छात्राओं ने फिल्म रीडिंग से जुड़े कई सवाल किए, जिनके जवाब डॉ. मिश्र ने दिए।

एमईआरआई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के वाइस प्रेसिडेंट प्रो. ललित अग्रवाल के सान्निध्य में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्र-छात्रओं ने फिल्म निर्माण की कई बारीकियाँ सीखीं। कार्यक्रम के शुरू में डिपार्टमेंट ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन के एचओडी डॉ. एसके पांडेय ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि हमारे जीवन पर फिल्मों का असर काफी प्रभावी होता है। यही कारण है कि फिल्मों को जनसंचार का महत्त्वपूर्ण भाग माना जाता है।

धन्यवाद ज्ञापन प्रो. सदानंद पांडेय ने किया। मंच संचालन बीए (जेएएमसी) की छात्राएँ हर्षिता शर्मा और रीतिका ने किया।

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