डॉ. के.ए. पॉल ने कुंभ मेला भगदड़ पर सरकार की आलोचना की, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर करने की योजना

डॉ. के.ए. पॉल ने कुंभ मेला भगदड़ पर सरकार की आलोचना की, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर करने की योजना

01 फ़रवरी 2025 , नई दिल्ली

डॉ. के.ए. पॉल ने नई दिल्ली के आंध्र भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार पर तीखी टिप्पणी की और कुंभ मेला में हुई भगदड़ को लेकर जवाबदेही की मांग की। उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर करने की घोषणा की, ताकि इस त्रासदी के जिम्मेदारों को जवाबदेह ठहराया जा सके। डॉ. पॉल ने धार्मिक आयोजनों में VIP लोगों को दी जा रही विशेष प्राथमिकता और भ्रष्टाचार को लेकर भी अपनी चिंता व्यक्त की और न्याय की प्रक्रिया की पारदर्शिता की आवश्यकता बताई।

“यह सत्ता का दुरुपयोग अब नहीं चल सकता! जबकि आम लोग घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, कुछ लोग विशेष सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। क्या वे सच में सोचते हैं कि उन्हें स्वर्ग में भी वही विशेषाधिकार मिलेंगे?” डॉ. पॉल ने कहा।

उन्होंने सरकार की निष्क्रियता और त्रासदी की रोकथाम में विफलता को लेकर भी सवाल उठाए। “यह हादसा रोका जा सकता था। यह व्यवस्था आम जनता के लिए खतरनाक साबित हो रही है, और अब इसे बदलने की जरूरत है,” उन्होंने कहा।

डॉ. पॉल ने अपनी पीआईएल में घटना की पूरी जांच, जिम्मेदार व्यक्तियों का इस्तीफा और सार्वजनिक व धार्मिक आयोजनों में VIP संस्कृति को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। “जो भी नुकसान हुआ है, वह इस सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति का परिणाम है। अब समय आ गया है कि न्याय सुनिश्चित किया जाए,” उन्होंने कहा।

तेलुगू राज्यों की उपेक्षा पर भी सवाल उठाए

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ. पॉल ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की उपेक्षा को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने आगामी केंद्रीय बजट में कुछ प्रमुख वित्तीय मांगें रखीं:

  • विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के लिए ₹35,000 करोड़ – कर्ज के बजाय सीधे फंडिंग की आवश्यकता।
  • अमरावती के विकास के लिए ₹25,000 करोड़ – राजधानी के निर्माण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
  • पोलावरम परियोजना के लिए ₹25,000 करोड़ – पिछले दो दशकों की देरी को समाप्त किया जाए।

इसके अलावा, उन्होंने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 28,000 गांवों के लिए ₹28,000 करोड़ की अतिरिक्त सहायता की भी मांग की और कहा, “गांवों के विकास का वादा किया गया था, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है।”

न्याय और जवाबदेही की मांग

डॉ. पॉल की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने सरकार के लिए एक सीधी चुनौती पेश की। उनका दृष्टिकोण और भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ उनकी प्रतिक्रिया ने मीडिया और जनता दोनों में ध्यान आकर्षित किया। “यह लड़ाई केवल तेलुगू राज्यों के लिए नहीं है, बल्कि हर भारतीय के लिए है, जो इस सिस्टम के चलते धोखा खा रहा है,” उन्होंने कहा।

डॉ. पॉल ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी पीआईएल पर त्वरित कार्रवाई की अपील की और नागरिकों से न्याय की मांग करने का आह्वान किया। “लोगों को बेहतर सेवा मिलनी चाहिए, और हम इसके लिए आवाज़ उठाते रहेंगे,” उन्होंने कहा।

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