क्या दुनिया एक और तबाही के मुहाने पर खड़ी है? ट्रंप की खतरनाक मंशा से मचा हड़कंप!

क्या दुनिया एक और तबाही के मुहाने पर खड़ी है? ट्रंप की खतरनाक मंशा से मचा हड़कंप!

20 जनवरी से पहले ‘खेल खत्म’ करना चाहते हैं ट्रंप—मिडिल ईस्ट पर मंडराया खतरा!

09 नवंबर 2024, नई दिल्ली

दुनिया युद्ध की आग में जल रही है—चाहे मिडिल ईस्ट का संघर्ष हो या रूस-यूक्रेन की जंग। इस घबराई हुई दुनिया में अचानक डोनाल्ड ट्रंप की धमाकेदार घोषणा से हर तरफ सनसनी मच गई है। ट्रंप ने हमेशा से शांति की बातें की हैं, लेकिन क्या इस बार उनका इरादा कुछ और ही है? हाल के संकेतों से यह समझ आ रहा है कि वह शांति से पहले तबाही का ऐसा नज़ारा देखना चाहते हैं जो दुनिया ने पहले कभी न देखा हो।

उनके सलाहकार माइक इवान्स ने इजराइल और ईरान के युद्ध पर ट्रंप की राय को लेकर एक इंटरव्यू में जो खुलासे किए हैं, उसने सभी को चौंका दिया है। इवान्स ने कहा कि ट्रंप के मुताबिक, इजराइल को ईरान के तेल फैसिलिटी और व्यापार कंटेनरों पर हमला कर देना चाहिए। अगर ऐसा होता है, तो ईरान की अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी और इस्लामिक शासन पूरी तरह से दिवालिया हो जाएगा।

इजराइल के लिए यह मौका हाथ से निकल न जाए, इसीलिए ट्रंप चाहते हैं कि यह कार्रवाई उनके शपथ ग्रहण से पहले ही हो जाए। इवान्स ने जोर देकर कहा कि 20 जनवरी तक इजराइल को निर्णायक कदम उठाना होगा। उनके मुताबिक, ट्रंप का टारगेट है कि 12 जनवरी से पहले ही इजराइल ईरान के तेल प्रतिष्ठानों और व्यापार कंटेनरों को निशाना बनाए ताकि ईरान की अर्थव्यवस्था धराशायी हो जाए।

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अब सवाल यह है कि क्या यह ट्रंप का पैगाम है या उनका एक गुप्त मंसूबा? इवान्स ने अपने बयान में कहा कि वह चार सालों से ट्रंप को जानते हैं और उन्हें पूरा यकीन है कि यही ट्रंप की इच्छा है। इस बार, ट्रंप न सिर्फ ईरान को कमजोर करना चाहते हैं, बल्कि इसके बाद सुन्नी देशों को इजराइल के साथ समझौते के लिए भी प्रेरित करेंगे। यह समझौता अब्राहम अकॉर्ड का हिस्सा बन सकता है, जिसका सपना ट्रंप देख रहे हैं।

क्या ट्रंप का यह प्लान दुनिया को एक और विनाशकारी युद्ध की ओर धकेल देगा? उनके इस साहसिक कदम से दुनिया की धड़कनें तेज हो गई हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ ट्रंप की फिलहाल कोई सीधी बातचीत नहीं है, लेकिन इवान्स के दावे से दुनिया में खलबली मच गई है। अगर इजराइल वाकई ईरान पर हमला करता है, तो यह आग केवल मिडिल ईस्ट तक सीमित नहीं रहेगी।

20 जनवरी को ट्रंप सत्ता में आएंगे, लेकिन तब तक बाइडन का कार्यकाल चल रहा है। क्या ट्रंप चाहते हैं कि उनके शपथ लेने से पहले यह सारा खेल खत्म हो जाए ताकि सत्ता में आकर वह दुनिया के सामने शांतिदूत के रूप में खड़े हो सकें और बाइडन पर आरोप लग जाए कि यह आग उन्हीं के कार्यकाल में भड़की थी?

यह रहस्य अब धीरे-धीरे खुलता जा रहा है। दुनिया सांस थामे हुए है—आखिर किस तरफ बढ़ेगा यह खेल?

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