मुंबई से चार धाम यात्रा पर निकले 50 लोगों के ग्रुप में से 18 केदारनाथ में अभी भी फंसे हुए हैं
नई दिल्ली , 2 अगस्त 2024
केदारनाथ में हाल ही में हुई तेज बारिश और बादल फटने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहाड़ों के बीच फंस गए हैं। इस प्राकृतिक आपदा के कारण भारी भूस्खलन हुआ है, जिससे सभी रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं। बारिश के साथ बह रहे मलबे ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है, और इसके प्रभाव में आने वाली हर वस्तु को अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसे कठिन हालात में, SDRF (स्टेट डिजास्टर रिस्क फोर्स) के जवान लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। ये जवान लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।
SDRF के जवानों ने देर रात तक मुनकटिया क्षेत्र से 450 यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया। अब तक 2200 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित रूप से पैदल मार्ग से बाहर निकाला जा चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन निरंतर जारी है और जवानों ने राहत और बचाव कार्य को प्राथमिकता दी हुई है।
मुंबई से चार धाम यात्रा पर निकला 50 लोगों का एक ग्रुप केदारनाथ से दर्शन करके लौटते समय फंस गया। सभी यात्रियों को हेलीकॉप्टर द्वारा रेस्क्यू किया गया, लेकिन इस ग्रुप के 18 सदस्य अभी भी फंसे हुए हैं। रेस्क्यू किए गए सभी लोगों को सेरसी में रखा गया है और उन्हें सेरसी हेलीपैड पर लाया जा रहा है। सुबह से लेकर अब तक 300 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। सोनप्रयाग और गौरीकुंड में फंसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर लाया जा रहा है, जिसमें महिलाओं और बच्चों को पहले रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है।
ये भी पढ़े: भारी बारिश का कहर: दिल्ली में 8 और गुरुग्राम में करंट से 3 की मौत, 5 दिनों तक जारी रहेगा संकट
वहीं, गुलाब कोटी-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी समस्या आई है। रात करीब 9 बजे से गुलाब कोटी के पास बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गया है। इस क्षेत्र में तीर्थ यात्री और स्थानीय लोग दोनों तरफ फंसे हुए हैं। स्थानीय लोगों और तीर्थ यात्रियों ने संबंधित विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। विभाग की मशीन जो बाधित सड़क का मलबा हटाने में लगी थी, अचानक खराब हो गई, जिसके कारण तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों में आक्रोश का माहौल बन गया है। गुलाब कोटी-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग इस समय एक बड़ी मुसीबत बन चुका है, और लोग जान जोखिम में डालकर पैदल आवाजाही करने को मजबूर हैं।
ये भी पढ़े:ईपीएस-95 का सफल आंदोलन, केंद्रीय श्रम मंत्री और ईपीएफओ ने बुलाई बैठक