चावरा कल्चरल सेंटर, नई दिल्ली द्वारा पटना आर्चडायोसिस के सहयोग से किया गया आयोजित
“शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए साथ-साथ यात्रा: भारत में विभिन्न धर्मों और परंपराओं के संदर्भ में संभावनाएं और चुनौतियां” रखी गई थीम
पटना,19 सितंबर 2024:
नवज्योति निकेतन, पटना में एक अंतर-धार्मिक सम्मेलन और महोत्सव आयोजित किया गया, जिसका आयोजन चावरा कल्चरल सेंटर, नई दिल्ली ने पटना आर्चडायोसिस के सहयोग से किया। इस कार्यक्रम का विषय “शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए साथ-साथ यात्रा: भारत में विभिन्न धर्मों और परंपराओं के संदर्भ में संभावनाएं और चुनौतियां” था, जिसका उद्देश्य विभाजन और संघर्ष से ग्रस्त दुनिया में शांति और एकता को बढ़ावा देना था। ये भी पढ़ें: धौलपुर स्थित ग्लव्स फैक्ट्री पर पुलिस की रेड, स्वेअर हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर संजीव गौड़ गिरफ्तार
कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना से हुई, इसके बाद मुख्य भाषण डॉ. फादर जॉसे मैथियास, एसजे. द्वारा दिया गया। उन्होंने धार्मिक समुदायों के बीच सहयोग और समझ के महत्व पर जोर दिया ताकि एक शांतिपूर्ण भविष्य का निर्माण किया जा सके।
कार्यक्रम का एक प्रमुख हिस्सा एक पैनल चर्चा थी, जिसका नेतृत्व बक्सर स्थित चिराग शिक्षा, संस्कृति और स्वास्थ्य जागरूकता केंद्र की सचिव एडवोकेट सिस्टर सिंथिया सी.जे. ने किया। इसमें छह प्रमुख धर्मों के प्रतिनिधियों, जैन धर्म से डॉ. मंजू बाला, ईसाई धर्म से डॉ. इसिडोर डोमिनिक, हिंदू धर्म से डॉ. नवीन कुमार, मुस्लिम धर्म से एडवोकेट मोहम्म्द काशिफ यूनुस, सिख धर्म से श्री सिंहजी महाराज और बहाई धर्म से श्री रजनीश ने भाग लिया। प्रत्येक वक्ता ने प्रेम, अहिंसा और आज की चुनौतियों का सामना करने के लिए विभिन्न धर्मों के बीच मिलकर काम करने के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया। ये भी पढ़ें: भोजपुरी हिट ‘सइयां सिपाही देवरा किसान’ ने मचाया बबाल
मुख्य अतिथि, पटना के आर्चबिशप सेबेस्टियन कल्लुपुरा ने प्रेरणादायक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अधिक से अधिक अंतरधार्मिक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता शांति के लिए आवश्यक है, उन्होंने सभी से समाज के कल्याण के लिए एक साथ काम करने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में पारंपरिक गीतों और नृत्यों सहित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी शामिल थीं, जिसके माध्यम से विविधता में एकता के विषय पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जहां सभी प्रतिभागियों ने शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
इस कार्यक्रम का नेतृत्व चावरा कल्चरल सेंटर, नई दिल्ली के निदेशक रेव. डॉ. रॉबी कन्नंचिरा सीएमआई और अंतर-धार्मिक और इकमेनिज़्म आयोग, पटना आर्चडायोसिस सचिव रेव. फादर जेम्स रोसारियो द्वारा किया गया। जिसमें डॉ. लॉरेंस, फादर प्रणॉय आईएमएस, एडवोकेट सिस्टर सिंथिया सी.जे. और श्री अजीत जूलियस एसजे का भी सहयोग रहा। इनकी सहभागिता ने इस अंतरधार्मिक सम्मेलन को एकजुट भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बना दिया।