लाइब्रेरी डिप्लोमेसी पर मंथन: वैश्विक लाइब्रेरी नेटवर्क की अनिवार्यता पर जोर
नई दिल्ली, 10 फरवरी 2025
किताबों और ज्ञान के वैश्विक महत्व को उजागर करने के लिए ग्लोबल लाइब्रेरी समिट 2025 का आयोजन नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया गया। साउथ एशियन यूनिवर्सिटी (SAU) के अध्यक्ष प्रोफेसर के.के. अग्रवाल की पहल पर आयोजित इस तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन का विषय था – *”लाइब्रेरी डिप्लोमेसी: लाइब्रेरी सहयोग के माध्यम से राष्ट्रों को जोड़ना”। इस आयोजन को *SAU और LIS अकादमी, बेंगलुरु ने संयुक्त रूप से आयोजित किया।
लाइब्रेरी की भूमिका पर जोर
समिट में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए NETF, NAAC और NBA के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने में लाइब्रेरी की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में भी पुस्तकालय ज्ञान के भंडार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वैश्विक सहयोग को बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम हो सकते हैं।
प्रो. के.के. अग्रवाल को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
सम्मेलन के दौरान प्रो. के.के. अग्रवाल को LIS अकादमी, बेंगलुरु द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें उच्च शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए प्रदान किया गया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. अग्रवाल ने पुस्तकालयाध्यक्षों की समाज में अहम भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि *डिजिटलीकरण को पारंपरिक लाइब्रेरी का प्रतिस्थापन नहीं, बल्कि एक पूरक माना जाना चाहिए। उन्होंने *अंतःविषय शिक्षा को बढ़ावा देकर वैश्विक नागरिक तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन
इस सम्मेलन के दौरान साउथ एशियन यूनिवर्सिटी की फैकल्टी डॉ. श्वेता सिंह और बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय की डॉ. अमीना मोहसिन द्वारा संपादित पुस्तक “मैपिंग फेमिनिस्ट इंटरनेशनल रिलेशंस इन साउथ एशिया: पास्ट एंड प्रेजेंट” का पूर्व-विमोचन किया गया।

सम्मेलन में वैश्विक भागीदारी
ग्लोबल लाइब्रेरी समिट 2025 में 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें 16 अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं सहित *130 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। यह आयोजन *वैश्विक लाइब्रेरी सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
प्रमुख वक्ता और उनके विचार
सम्मेलन के पहले दिन विभिन्न प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने अपने विचार साझा किए। इनमें शामिल थे:
- प्रो. पंकज जैन (उपाध्यक्ष, अकादमिक, SAU)
- डॉ. ए.पी. सिंह (महानिदेशक, नेशनल लाइब्रेरी)
- श्री आकाश पाटिल (निदेशक, DAIIC)
- प्रो. देविका मदल्ली (निदेशक, INFLIBNET)
- प्रो. पी.वी. कोन्नूर (अध्यक्ष, LIS अकादमी)
- डॉ. पी.आर. गोस्वामी (निदेशक, GLS)
- डॉ. धनंजय (वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसर, SAU)
इन सभी वक्ताओं ने लाइब्रेरी और सूचना विज्ञान के भविष्य को लेकर अपने विचार साझा किए।

समापन सत्र और वैश्विक लाइब्रेरी नेटवर्क की आवश्यकता
तीसरे दिन के समापन सत्र में भी कई गणमान्य व्यक्तित्वों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि के रूप में इग्नू की कुलपति प्रो. उमा कांजीलाल उपस्थित रहीं, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में डीपीएल के महानिदेशक डॉ. अजीत कुमार और SAU के कुलपति (आउटरीच) प्रो. संजय चतुर्वेदी मौजूद थे।
इस अवसर पर अन्य प्रमुख हस्तियों में डॉ. मधुसूदन (रैपॉर्टरिंग जनरल, डीयू), प्रो. पंकज जैन (वीपी, अकादमिक, SAU), डॉ. पी.वी. कोन्नूर (अध्यक्ष, LIS अकादमी, बेंगलुरु) और प्रो. शैलेंद्र कुमार (तकनीकी निदेशक, GLS) उपस्थित रहे।
वक्ताओं ने डिजिटल युग में लाइब्रेरी सहयोग और वैश्विक नेटवर्किंग* की आवश्यकता पर बल दिया और भविष्य में एकीकृत वैश्विक लाइब्रेरी नेटवर्क स्थापित करने का आह्वान किया।
ग्लोबल लाइब्रेरी समिट 2025 ने वैश्विक ज्ञान सहयोग की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ा। इस आयोजन ने न केवल पुस्तकालयों की महत्ता को पुनः परिभाषित किया बल्कि डिजिटल और पारंपरिक लाइब्रेरी सिस्टम के तालमेल को भी बढ़ावा दिया। लाइब्रेरी डिप्लोमेसी और वैश्विक नेटवर्किंग को लेकर यह समिट भविष्य में भी अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मजबूत मंच बना रहेगा।