# डेटा सेंटरों के डीकार्बनाइजेशन की दिशा में बढ़ाया पहला कदम
10 मार्च 2025, नई दिल्ली
आज नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया (NSEFI) के ग्रीन डेटा सेंटर कोएलिशन ने अपनी पहली बैठक नई दिल्ली में आयोजित की, जिसमें डेटा सेंटर उद्योग को हरित ऊर्जा की ओर ले जाने और इसे अधिक टिकाऊ बनाने पर चर्चा हुई। इस मंच का उद्देश्य भारत में डेटा सेंटरों के डीकार्बनाइजेशन को तेज़ी से आगे बढ़ाना और उनके लिए एक मजबूत ग्रीन एनर्जी इकोसिस्टम तैयार करना है।
कोएलिशन की अध्यक्षता विक्रम श्रीधरन (डायरेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर और पब्लिक पॉलिसी, एशिया पैसिफिक और जापान, AWS) और शरद अग्रवाल (सीईओ, Sify Infinit Spaces Limited) कर रहे हैं। बैठक में उद्योग जगत के प्रमुख खिलाड़ियों ने भारत की विशाल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का उपयोग कर डेटा सेंटरों को कैसे क्लीन और ग्रीन एनर्जी पर स्थानांतरित किया जाए, इस पर विचार-विमर्श किया।
AWS के विक्रम श्रीधरन ने कहा, “भारत में डेटा की मांग बढ़ रही है, जिससे ऊर्जा की खपत भी तेज़ी से बढ़ रही है। AI, ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल सेवाओं के बढ़ते उपयोग के कारण यह ट्रेंड और तेज़ होगा। अमेज़न इस बढ़ती जरूरत को पूरा करने के साथ-साथ अपने संचालन को 100% नवीकरणीय ऊर्जा पर स्थानांतरित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम भारत में ग्रीन डेटा सेंटर को बढ़ावा देने के लिए इस कोएलिशन को एक अहम मंच के रूप में देखते हैं।”
शरद अग्रवाल, सीईओ, Sify Infinit Spaces, ने कहा, “आने वाले दशक में भारत में डेटा सेंटर उद्योग तेज़ी से बढ़ेगा, और इसके साथ ही ऊर्जा की मांग भी कई गुना बढ़ेगी। वर्तमान में डेटा सेंटर 1.3% बिजली की खपत करते हैं, लेकिन AI आधारित वर्कलोड के कारण यह जल्द ही 4% तक पहुंच सकता है। हमें अभी से नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग, बड़े पैमाने पर समाधान और सभी हितधारकों के साथ समन्वय पर ध्यान देना होगा, ताकि हम इस बदलाव के लिए तैयार रह सकें।”
श्री दीपक गुप्ता, आईएएस (सेवानिवृत्त), मानद महानिदेशक – एनएसईएफआई, पूर्व सचिव, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) एवं पूर्व अध्यक्ष, यूपीएससी ने इस पहल को भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था और नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को एक साथ लाने की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे डेटा की मांग बढ़ रही है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सतत और पर्यावरण के अनुकूल हो। एनएसईएफआई इस बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए उद्योगों और सरकार के साथ मिलकर काम करेगा।”
यह कोएलिशन, जो NSEFI द्वारा आयोजित पहले AI in RE शिखर सम्मेलन में लॉन्च हुआ है, जल्द ही डेटा सेंटरों के डीकार्बनाइजेशन के लिए विशेष नीतिगत सिफारिशें तैयार करेगा और केंद्रीय एवं राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस दिशा में कदम उठाएगा। साथ ही, यह नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता से जुड़े इनोवेटिव समाधानों को विकसित करने पर भी कार्य करेगा, जिससे भारत का डिजिटल भविष्य हरित और टिकाऊ बन सके।