आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने दिए ब्याज दर में कटौती के संकेत

आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने दिए ब्याज दर में कटौती के संकेत

केंद्रीय बजट 2025 से मौद्रिक नीति पर होगा असर,डॉलर के मुकाबले गिरता रुपया बना बड़ी चुनौती-आर्थिक स्थिरता के लिए आरबीआई सतर्क और सजग रहेगा

12 दिसंबर 2024, नई दिल्ली

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपने कार्यभार संभालने के बाद पहली बार ब्याज दर में कटौती की संभावनाओं पर चर्चा की है। उन्होंने संकेत दिया कि फरवरी 2025 में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के दौरान ब्याज दरों में कटौती पर विचार किया जा सकता है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिरता की ओर बढ़ रही है और महंगाई दर नियंत्रित होती नजर आ रही है।

महंगाई दर में गिरावट से उम्मीद


मल्होत्रा ने कहा कि हाल के महीनों में खुदरा महंगाई दर में कमी आई है। अक्टूबर 2024 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर 4.6% दर्ज की गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि यदि महंगाई दर में यह स्थिरता बनी रहती है, तो ब्याज दरों में कटौती संभव हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने फरवरी 2025 में पेश होने वाले केंद्रीय बजट को भी महत्वपूर्ण बताया, जो मौद्रिक नीति के फैसले को प्रभावित कर सकता है।

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आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने दिए ब्याज दर में कटौती के संकेत

रुपया ऐतिहासिक निचले स्तर पर


संजय मल्होत्रा ने ऐसे समय में केंद्रीय बैंक का नेतृत्व संभाला है जब भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इसके अलावा, आर्थिक वृद्धि दर भी सात तिमाहियों के निचले स्तर पर है। इस चुनौतीपूर्ण समय में उन्होंने मुंबई स्थित आरबीआई मुख्यालय में गवर्नर पद का कार्यभार संभाला। इस दौरान डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव, टी. रबी शंकर और स्वामीनाथन जे उपस्थित थे।

आरबीआई का मिशन और चुनौतियां


गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, “आरबीआई एक प्रतिष्ठित संस्थान है जो वैश्विक आर्थिक तनाव, जलवायु परिवर्तन के जोखिम और राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच अपनी भूमिका निभा रहा है।” उन्होंने अपने पूर्ववर्ती शक्तिकांत दास की प्रशंसा करते हुए कहा कि आरबीआई चुनौतियों का सामना करने के लिए सतर्क और सक्रिय रहेगा।

फरवरी में होगी अगली मौद्रिक नीति समीक्षा


अगली मौद्रिक नीति समीक्षा फरवरी के पहले सप्ताह में होगी। संजय मल्होत्रा को इस महत्वपूर्ण बैठक से पहले लगभग दो महीने का समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेश उनके लिए एक प्राथमिकता क्षेत्र रहेगा, जिससे देश के सभी वर्गों तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाई जा सकें।

संजय मल्होत्रा का विज़न


गवर्नर ने यह स्पष्ट किया कि अतीत की सफलताओं के आधार पर वह आरबीआई को और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने देश की आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और समावेशी विकास की दिशा में काम करने का संकल्प व्यक्त किया।

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