मुख्य न्यायाधीश पर हमले के बाद डॉ. पॉल ने उठाए गंभीर सवाल, गृह मंत्री को लिखा पत्र – न्यायपालिका की सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर 2025:

ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक और शांति दूत डॉ. के.ए. पॉल ने सर्वोच्च न्यायालय परिसर में मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति गवाई पर हुए हमले की तीव्र निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल न्यायपालिका की गरिमा पर हमला है, बल्कि भारत के कानून और लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी एक गहरा आघात है।

डॉ. पॉल ने इस घटना को “राष्ट्रीय चिंता का विषय” बताते हुए कहा कि आरोपी वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश किशोर (71) की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों के भीतर रिहाई अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने सवाल उठाया, “अगर देश के सर्वोच्च न्यायाधीश ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिक अपनी सुरक्षा को लेकर कैसे निश्चिंत रह सकते हैं?”

उन्होंने स्पष्ट कहा कि न्याय सभी के लिए समान होना चाहिए — न किसी पद, न किसी प्रतिष्ठा और न किसी प्रभाव के आधार पर कोई अपवाद होना चाहिए। डॉ. पॉल ने आरोपी की तत्काल रिहाई पर संदेह जताते हुए कहा कि यह जांच का विषय है कि क्या किसी बाहरी दबाव या विशेष हितों के चलते यह निर्णय लिया गया।

उन्होंने जोर देकर कहा, “कानून के आगे सभी समान हैं। यदि कोई व्यक्ति अपने दर्जे या पहचान के आधार पर छूट पाता है, तो यह न्याय प्रणाली पर जनता के विश्वास को कमजोर करेगा।”

डॉ. पॉल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आरोपी की पुनः गिरफ्तारी और उसके खिलाफ विधिसम्मत कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अपराधियों को जवाबदेह नहीं ठहराया गया, तो इससे भविष्य में और गंभीर घटनाओं को बढ़ावा मिल सकता है।

उन्होंने गृह मंत्रालय से आग्रह किया कि देश के शीर्ष न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा व्यवस्था की तत्काल समीक्षा की जाए। उनके अनुसार, “न्यायाधीशों की सुरक्षा केवल व्यक्तियों की रक्षा का मामला नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रीढ़ की रक्षा का दायित्व है।”

अंत में, डॉ. पॉल ने देशवासियों से अपील की कि वे न्यायपालिका की गरिमा और स्वतंत्रता की रक्षा में एकजुट हों। उन्होंने कहा, “मुख्य न्यायाधीश केवल एक पद नहीं हैं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के विश्वास और न्याय की भावना के प्रतीक हैं। उनकी सुरक्षा, भारत के लोकतंत्र की सुरक्षा है।”

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