महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के विरोध में सफदरजंग अस्पताल की नर्स यूनियन ने कैंडल मार्च निकाला।
नई दिल्ली, 16 अगस्त 2024
Safdarjung Hospital Nurses Union Protest: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से हुए रेप और हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी हैं, जिसमें डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल स्टाफ के साथ ही आम लोग भी शामिल हो रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की नर्स यूनियन ने भी गुरुवार, 15 अगस्त को इस जघन्य अपराध के विरोध में प्रदर्शन किया। नर्स यूनियन ने इस घटना की निंदा करते हुए कैंडल मार्च का आयोजन किया।
प्रदर्शन में नर्सिंग स्टाफ के साथ डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने भी हिस्सा लिया। बड़ी संख्या में लोग कैंडल लेकर जुलूस में शामिल हुए, जबकि कुछ लोगों ने मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर इस विरोध को अपना समर्थन दिया। प्रदर्शनकारियों ने ‘बंद करो ये अत्याचार’, ‘न्याय दो’ और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाते हुए दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों का शांतिपूर्ण विरोध
सफदरजंग अस्पताल की नर्स यूनियन के इस विरोध प्रदर्शन के साथ ही दिल्ली के डॉक्टरों ने भी कोलकाता की घटना के विरोध में एकजुट होकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। सफदरजंग अस्पताल के प्रांगण में डॉक्टरों ने मोमबत्तियां जलाकर और हाथों में तख्तियां लेकर अपनी आवाज बुलंद की। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे चिकित्सक समुदाय के लिए बेहद चिंताजनक बताया।
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डीएमए के अध्यक्ष आलोक भदारी ने घटना की निंदा करते हुए कहा, “कोलकाता की इस दर्दनाक घटना ने डॉक्टर समुदाय को हिलाकर रख दिया है। यह सिर्फ एक महिला डॉक्टर पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे चिकित्सा पेशे पर हमला है। हम चाहते हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले और पीड़ित डॉक्टर को न्याय मिले।” उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए डीएमए ने एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई थी, जिसमें 100 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विरोध को और तेज किया जाएगा ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके।
17 अगस्त से 24 घंटे की हड़ताल का ऐलान
इस घटना के विरोध में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने 17 अगस्त से 24 घंटे की हड़ताल का ऐलान भी किया है। एसोसिएशन के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. गिरीश त्यागी ने कहा, “कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना बेहद दुखद और निंदनीय है। हम इस घटना का पुरजोर विरोध करते हैं और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग करते हैं। इस विरोध को और प्रभावी बनाने के लिए हमने 17 अगस्त की शाम 6 बजे से 24 घंटे की हड़ताल का फैसला लिया है।”
डॉ. त्यागी ने बताया कि हड़ताल के दौरान ओपीडी सेवाएं और डायग्नोस्टिक सेंटर बंद रहेंगे, जबकि नर्सिंग होम्स भी इसमें शामिल होंगे। हालांकि, मरीजों की आपातकालीन सेवाओं को जारी रखा जाएगा ताकि किसी भी मरीज को परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार और प्रशासन इस मामले में सख्त कदम नहीं उठाते हैं और पीड़ित डॉक्टर को न्याय नहीं मिलता है, तो भविष्य में इस आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा, जिसमें मेडिकल इमरजेंसी सेवाओं को भी शामिल किया जा सकता है।
कुल मिलाकर, कोलकाता में हुए इस जघन्य अपराध के खिलाफ देशभर के मेडिकल स्टाफ ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वे इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सफदरजंग अस्पताल की नर्स यूनियन से लेकर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन तक, सभी ने एकजुट होकर न्याय की मांग की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि चिकित्सा पेशे से जुड़े लोग, जो समाज की सेवा में अपनी जान की बाजी लगाते हैं, उनके प्रति समाज और कानून का यह रवैया कब बदलेगा?
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