लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर भारतीय प्रवासियों का विरोध प्रदर्शन, पहलगाम आतंकी हमले पर जताया आक्रोश

लंदन, 26 अप्रैल 2025 जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले के विरोध में यूनाइटेड किंगडम में रह रहे भारतीय समुदाय के सैकड़ों लोगों ने लंदन...

JA Bureau | Published: April 26, 2025 15:20 IST, Updated: April 26, 2025 16:25 IST
लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर भारतीय प्रवासियों का विरोध प्रदर्शन, पहलगाम आतंकी हमले पर जताया आक्रोश

लंदन, 26 अप्रैल 2025

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले के विरोध में यूनाइटेड किंगडम में रह रहे भारतीय समुदाय के सैकड़ों लोगों ने लंदन स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर शुक्रवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या ने प्रवासी भारतीयों के दिलों को झकझोर दिया और पूरे समुदाय में गहरा आक्रोश फैला दिया।

प्रदर्शन का नेतृत्व यूथ ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (YOFBJP) यूके के अध्यक्ष एवं किंग्स कॉलेज लंदन के छात्र तेजस्व भारद्वाज ने किया। प्रदर्शन में लगभग 500 लोगों ने भाग लिया, जिन्होंने हाथों में तिरंगा थामे “भारत माता की जय” और “पाकिस्तान मुर्दाबाद” जैसे नारों के साथ पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन दिए जाने के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।

प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों को पनाह देने और आतंकवाद को राज्य प्रायोजित संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान उच्चायोग की ओर से अपमानजनक और भड़काऊ व्यवहार की घटनाएं भी सामने आईं।

तेजस्व भारद्वाज ने कहा, “हम पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे थे, लेकिन उच्चायोग के भीतर से कुछ अधिकारियों ने नाचते हुए कैप्टन अभिनंदन के पोस्टर और चाय के कप लहराए। एक अधिकारी ने तो गला रेतने जैसा इशारा तक किया। यह शर्मनाक, उकसाने वाला और पूर्णतः अस्वीकार्य है। हम भारत सरकार, ब्रिटिश प्रशासन और मेट्रोपॉलिटन पुलिस से इस पर कठोर कार्रवाई की मांग करते हैं।”

प्रदर्शन के अंत में हमले में जान गंवाने वाले निर्दोषों को श्रद्धांजलि स्वरूप मोमबत्तियां जलाई गईं और एक मिनट का मौन रखा गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान उच्चायोग परिसर के भीतर जोर-जोर से संगीत बजाया गया और उकसाने वाले इशारे किए गए, जिसे भारतीय समुदाय ने अत्यंत असंवेदनशील और अमानवीय बताया।

प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को समर्थन दोहराते हुए कहा कि वे भले ही विदेश में हों, लेकिन भारत के साथ उनका जुड़ाव और निष्ठा अटूट है।

अन्य प्रदर्शनकारियों ने कहा, “यह केवल एक हमला नहीं था, यह पूरे परिवारों का उजड़ जाना है। हम दुख प्रकट करने आए थे, लेकिन जवाब में हमें उपहास का सामना करना पड़ा। इससे स्पष्ट होता है कि आतंकवाद किस सोच से पोषित होता है। हम कहीं भी रहें, भारत हमारे दिल में है। आतंक का हर शिकार हमारे अपने हैं।”