FIU IND ने 25 विदेशी VDA सेवा प्रदाताओं को अनुपालन न करने पर जारी किए नोटिस

मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत अनुपालन न करने पर कार्रवाई, FIU IND ने 25 ऑफशोर VDA कंपनियों को नोटिस भेजे, अवैध ऐप और URL हटाने के आदेश भी...

JA Bureau | Published: October 1, 2025 23:40 IST, Updated: October 1, 2025 23:40 IST
FIU IND ने 25 विदेशी VDA सेवा प्रदाताओं को अनुपालन न करने पर जारी किए नोटिस

मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत अनुपालन न करने पर कार्रवाई, FIU IND ने 25 ऑफशोर VDA कंपनियों को नोटिस भेजे, अवैध ऐप और URL हटाने के आदेश भी जारी।

भारत की वित्तीय खुफिया इकाई (FIU-IND) ने मनी लॉन्ड्रिंग (रोकथाम) अधिनियम, 2002 की धारा 13 के तहत कार्रवाई करते हुए 25 विदेशी वर्चुअल डिजिटल एसेट सेवा प्रदाताओं (VDA Service Providers) को नोटिस जारी किए हैं। इन संस्थाओं पर AML/CFT ढांचे (Anti-Money Laundering / Combating Financing of Terrorism) का पालन न करने का आरोप है।

FIU-IND ने साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79(3)(b) के तहत निर्देश जारी किए हैं, जिसके अंतर्गत उन कंपनियों के एप्लीकेशन और वेबसाइट/URL को भारत में ब्लॉक करने का आदेश दिया गया है, जो बिना पंजीकरण अवैध रूप से संचालन कर रही थीं और भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभ थीं।

नोटिस प्राप्त करने वाले प्रमुख VDA सेवा प्रदाता:

इनमें Huione Group (कंबोडिया), BC.Game (कुराकाओ), Paxful (अमेरिका), Changelly (हांगकांग), CEX.IO (अमेरिका और ब्रिटेन), LBank (ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स), Youhodler (स्विट्जरलैंड), BingX, PrimeXBT, BTCC, CoinEx, Poloniex, BitMex, Bitrue, LCX, Probit Global, BTSE, HitBTC, LocalCoinSwap, AscendEx, Phemex, ZooMex, CoinCola और CoinW जैसी बड़ी कंपनियाँ शामिल हैं।

अब तक 50 कंपनियाँ पंजीकृत

मार्च 2023 में VDA सेवा प्रदाताओं को AML/CFT ढांचे के दायरे में लाया गया था। अब तक 50 सेवा प्रदाता FIU-IND के साथ पंजीकृत हो चुके हैं। लेकिन समय-समय पर कई विदेशी कंपनियाँ भारतीय ग्राहकों को सेवाएँ देती हैं, जबकि वे भारत में पंजीकरण नहीं करातीं। ऐसे में वे AML/CFT अनुपालन से बाहर रहती हैं।

पंजीकरण क्यों है जरूरी?

जो VDA कंपनियाँ भारत में संचालन करती हैं—चाहे ऑनशोर हों या ऑफशोर—यदि वे वर्चुअल डिजिटल एसेट और फिएट मुद्रा के बीच लेन-देन, डिजिटल एसेट ट्रांसफर, उसकी सुरक्षा या ऐसे उपकरण उपलब्ध कराती हैं जिनसे डिजिटल एसेट्स पर नियंत्रण रखा जा सके, तो उन्हें रिपोर्टिंग इकाई के रूप में पंजीकरण कराना और PML अधिनियम के सभी दायित्वों का पालन करना अनिवार्य है।

निवेशकों के लिए चेतावनी

FIU-IND ने यह भी दोहराया है कि क्रिप्टोकरेंसी और NFT जैसे उत्पाद अनियंत्रित हैं और इनमें निवेश करना उच्च जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे लेन-देन से होने वाले नुकसान पर कोई नियामक सुरक्षा उपलब्ध नहीं होगी।