मानवता की आवाज़ उठाना पड़ा भारी: पत्रकार के साथ पुलिसिया बर्बरता, मारपीट, धमकी और मानसिक प्रताड़ना – दोषियों पर कार्रवाई की माँग

By JA Bureau | 19/05/2025 | Categories: देश
मानवता की आवाज़ उठाना पड़ा भारी: पत्रकार के साथ पुलिसिया बर्बरता, मारपीट, धमकी और मानसिक प्रताड़ना – दोषियों पर कार्रवाई की माँग

पुलिस ने फर्जी मामला काम करने की दी धमकीकभी भी कर सकते फर्जी मामला आज तक किसी के खिलाफ नहीं है कोई आवेदन तक

पत्रकारों पर पुलिसिया अत्याचार का खुलासा – लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला, निष्पक्ष न्याय की माँग

ग्वालियर ,मध्य प्रदेश – 19 मई 2025

मध्यप्रदेश के ग्वालियर-भिंड क्षेत्र से पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार करने वाला एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक वरिष्ठ पत्रकार को गरीब व्यक्ति की मदद करना इतना महँगा पड़ा कि उन्हें पुलिसिया प्रताड़ना, मारपीट, धमकी और जबरन बयान दिलवाने जैसी बर्बरताओं का सामना करना पड़ा।

घटना का विवरण – पत्रकार शशिकांत गोयल का बयान


दिनांक 01 मई 2025 को ग्वालियर जिले में पत्रकार शशिकांत गोयल ने बताया कि उन्होंने भिण्ड मेले के पास एक गरीब खजा को एक पुलिस आरक्षक द्वारा पीटे जाते हुए देखा, और उन्होंने मानवीय दृष्टिकोण से हस्तक्षेप किया। इसी के चलते, अगले ही दिन उन्हें भिण्ड स्थित SP ऑफिस में बुलाया गया।

“ASI सतवीर सिंह मुझे SP ऑफिस के अंदर ले गए और वहां उपनिरीक्षक गिरीश शर्मा ने मुझे बिना किसी कारण थप्पड़ मारा, चप्पलों से पीटा और गालियाँ दीं,” शशिकांत ने बताया। “मुझसे जबरदस्ती ‘यस सर’ कहलवाया गया और कहा गया कि अगर मैं पुलिस से नहीं जुड़ता तो मुझे किसी झूठे केस में फँसा दिया जाएगा।”

दिल्ली जाते समय रोका गया, वीडियो बनवाने का दबाव


घटना यहीं नहीं रुकी। जब पत्रकार दिल्ली जा रहे थे ताकि केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिल सकें, उन्हें ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर रोककर भिण्ड SP बंगले ले जाया गया और वहाँ जबरन वीडियो रिकॉर्ड करवाया गया।

अन्य पत्रकारों के साथ भी बदसलूकी, धमकी, और उत्पीड़न


इस घटना के तुरंत बाद ही, धर्मेन्द्र ओझा (न्यूज़ 24) , अमर कांत सिंह चौहान ( स्वराज एक्सप्रेस) , शशिकांत गोयल ( बेजोड़ रत्न) , और प्रीतम सिंह (NTV भारत) जैसे पत्रकारों को भी भिंड थाना परिसर में बुलाकर उनके मोबाइल छीन लिए गए, वीडियो डिलीट कर दिए गए और धर्मेन्द्र ओझा के साथ मारपीट की गई।

पत्रकारों ने आरोप लगाया कि भिंड sp असित यादव (सिंह) द्वारा उन्हें लगातार धमकाया जा रहा है, झूठे केसों में फँसाने की धमकी दी जा रही है और उनकी रिपोर्टिंग पर रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

मानवता की आवाज़ उठाना पड़ा भारी: पत्रकार के साथ पुलिसिया बर्बरता, मारपीट, धमकी और मानसिक प्रताड़ना – दोषियों पर कार्रवाई की माँग

पीड़ित पत्रकारों की माँगें:

  • इस पूरे मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच कराई जाए।
  • उपनिरीक्षक गिरीश शर्मा, थाना प्रभारी शिव प्रताप सिंह और अन्य शामिल अधिकारियों पर FIR दर्ज कर सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए।
  • पत्रकारों और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान की जाए।
  • मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना झेलने वाले पत्रकारों को मुआवजा दिया जाए।
  • प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएँ।

अब तक कोई कार्यवाही नहीं – अधिकारियों को संरक्षण मिलने का आरोप


शिकायतें भिंड कलेक्टर कार्यालय को सौंपी जा चुकी हैं, लेकिन आज दिनांक तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे यह संदेह और गहराता है कि संबंधित अधिकारियों को राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है।

यदि इस पूरे मामले में शीघ्र और सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो प्रदेशभर में पत्रकार संगठनों द्वारा राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पत्रकारों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।

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