“दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल: एम्स और आरएमएल अस्पतालों के डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन”

“दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल: एम्स और आरएमएल अस्पतालों के डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन”

दिल्ली के डॉक्टरों ने कोलकाता महिला डॉक्टर की हत्या के विरोध में हड़ताल की और सीबीआई जांच की मांग की

नई दिल्ली, 12 अगस्त 2024

दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल: कोलकाता की डॉक्टर की हत्या के विरोध में प्रदर्शन

कोलकाता की एक महिला डॉक्टर के यौन उत्पीड़न और निर्मम हत्या के विरोध की लहर अब दिल्ली और अन्य महानगरों में फैल गई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), राम मनोहर लोहिया अस्पताल और दिल्ली के अन्य सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने इस घटना के विरोध में हड़ताल की घोषणा की है। सोमवार सुबह से दिल्ली के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं, और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स भी हड़ताल पर बैठ गए हैं।

कोलकाता की महिला डॉक्टर की हत्या के विरोध में हड़ताल

दिल्ली के डॉक्टरों ने कोलकाता की महिला डॉक्टर की हत्या के विरोध में वहां के डॉक्टरों के समर्थन में हड़ताल की घोषणा की है। हड़ताल के कारण बड़े अस्पतालों में ओपीडी, ओटी और वार्ड में रेजिडेंट डॉक्टर्स की सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी। हालांकि, सरकारी अस्पतालों में केवल इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी, जिसमें रेजिडेंट डॉक्टर्स ड्यूटी पर रहेंगे।

दिल्ली में हड़ताल का प्रभाव

दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में हड़ताल का असर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। हड़ताल में शामिल प्रमुख अस्पतालों में राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल, गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल, और एलएनजेपी हॉस्पिटल शामिल हैं। इन अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी और अन्य सेवाओं में व्यवधान आ रहा है, जिससे मरीजों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

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अस्पताल प्रशासन की तैयारी: सेवाओं में व्यवधान कम करने की कोशिश

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 12 अगस्त से शुरू हुई रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) की अनिश्चितकालीन हड़ताल के मद्देनज़र, अस्पताल प्रशासन ने सभी विभागाध्यक्षों को अपने-अपने विभागों की कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा है। यह कार्य योजना मरीजों की देखभाल और आवश्यक सेवाओं में कम से कम व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई है।

अस्पताल प्रशासन ने विभागाध्यक्षों से कहा है कि कार्य योजना में ओटी सेवाएं, ओपीडी, और वार्ड क्षेत्रों को शामिल किया जाए। यह योजना सोमवार सुबह 10 बजे तक प्रस्तुत करने को कहा गया है। साथ ही, विभागाध्यक्षों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि उनके सभी संकाय सदस्य प्रतिदिन सुबह नौ बजे तक विभाग में उपस्थित रहें।

मरीजों पर हड़ताल का असर कम करने की कोशिश

अस्पताल प्रशासन ने विभागाध्यक्षों से यह भी कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण मरीजों पर असर न पड़े। सभी एचओडी और फैकल्टी मेंबर्स को जिम्मेदारी दी गई है कि वे इस बात का ध्यान रखें कि हड़ताल से मरीजों की देखभाल और अन्य सेवाओं में कोई कमी न आए।

इस प्रकार, दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल ने स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव डाला है, और अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को न्यूनतम प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। डॉक्टरों का यह विरोध प्रदर्शन कोलकाता की महिला डॉक्टर की हत्या के खिलाफ एकजुटता दिखाने का एक प्रयास है, और इसके साथ ही दिल्ली में अस्पताल सेवाओं की निरंतरता बनाए रखने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

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