देश के लिए किसान और जवान दोनों हैं अत्यंत महत्वपूर्ण: श्याम सिंह राणा

कृषि मंत्री ने कुरुक्षेत्र में कृषि-तकनीकी प्रदर्शनी में प्राकृतिक खेती, देसी गाय के महत्व और किसानों की आय बढ़ाने की योजनाओं पर विस्तार से रखे विचार
10 मई 2025, कुरुक्षेत्र
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि किसी भी देश के लिए किसान और जवान सबसे अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध चाहे कितना भी लंबा क्यों न चले, खेती रुकनी नहीं चाहिए। वर्तमान समय में देश के अन्न भंडार भरे हुए हैं और किसी भी प्रकार की खाद्यान्न संकट की स्थिति नहीं है।
शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में नवीन जिंदल फाउंडेशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कृषि-तकनीकी प्रदर्शनी एवं स्टार्टअप कॉन्क्लेव के दूसरे दिन, मुख्यातिथि के रूप में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसान वैश्विक तकनीकों को अपनाकर खेती करें तो देश की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।
भारत की मिट्टी सबसे उपजाऊ
श्याम सिंह राणा ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और यदि पूरी दुनिया से 100 एकड़ भूमि चुनी जाए तो सबसे उपजाऊ भूमि भारत की ही होगी। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र वह भूमि है जहाँ ब्रह्मा जी ने सबसे पहले कृषि की शुरुआत की थी और यहीं से लोगों ने खेती करना सीखा।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर
कृषि मंत्री ने बताया कि खेती मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है—रासायनिक, ऑर्गेनिक और प्राकृतिक। वर्तमान समय में प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर योजनाएं चला रही हैं। किसानों की आय बढ़ाने, खर्च घटाने, कम समय में अधिक उत्पादन और जल की बचत के लिए सरकार प्राकृतिक खेती पर विशेष बल दे रही है।
उन्होंने जानकारी दी कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक लाख एकड़ भूमि पर इसे अपनाने का लक्ष्य रखा है। प्रति देशी गाय पर सब्सिडी भी दी जा रही है, ताकि किसान कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकें।
श्याम सिंह राणा ने कहा कि देशी गाय का दूध और गोबर जैविक खेती के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। गोबर से तैयार जीवामृत खेती को उर्वरक बनाता है और इसमें एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो बीमारियों को दूर रखने में सहायक हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गौशालाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
आगजनी में हुई फसल क्षति का मुआवज़ा
मंत्री ने बताया कि हाल ही में आगजनी की घटनाओं में किसानों की गेहूं की फसल को जो नुकसान हुआ, उसका मुआवजा सरकार द्वारा दे दिया गया है। इसके अलावा डेंचा, मूंग व अन्य खाद फसलों के उत्पादन पर भी अनुदान प्रदान किया जा रहा है। धान की सीधी बिजाई के लिए 15 मई के बाद की सलाह दी गई है। किसानों की रिपोर्ट के अनुसार उत्पादन में अब पहले की तुलना में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर एमएसपी समिति के सदस्य विनोद आनंद, प्रो. रमेश सिहमार, विशाल वर्धन, रणधीर सिंह, गुरनाम सिंह चंढुनी, राहुल ढींगड़ा, राजकुमार सैनी, पद्मश्री भारत भूषण त्यागी, रविन्द्र सांगवान, रमेश सिंह, कर्मचंद सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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