नई दिल्ली, 16 दिसंबर 2024
फ्रे. अग्नेल स्कूल, गौतम नगर में आयोजित क्रिस्तु महोत्सव 2024 ने दान, समावेशिता और एकता के मूल्यों को एक साथ मनाने का अनूठा उदाहरण पेश किया। चावरा सांस्कृतिक केंद्र और एसोसिएशन ऑफ कैथोलिक रिहैबिलिटेशन सेंटर्स इन इंडिया (ACRCI) द्वारा आयोजित यह उत्सव क्रिसमस को “ईसाई दान का त्योहार” के रूप में प्रस्तुत करता है।
इस वर्ष की थीम, “सभी को शामिल करें, किसी को बाहर न करें,” पूरे आयोजन के केंद्र में रही। कार्यक्रम में अंतरधार्मिक प्रार्थनाएं, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए दान पहलें शामिल थीं। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से कई ईसाई धर्मार्थ संगठनों ने इसमें हिस्सा लिया।
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हिंदू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, यहूदी, पारसी और अन्य समुदायों के धार्मिक नेताओं की उपस्थिति ने धर्म से ऊपर उठकर एकता और प्रेम का संदेश दिया। विशेष रूप से सक्षम बच्चों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया और समावेशिता की भावना को जीवंत किया।
प्रमुख वक्ताओं का संदेश
दिल्ली के आर्चबिशप अनिल जोसेफ थॉमस कौटो ने कहा:
“ईश्वर ने हमें समान बनाया है। जब हम अलग क्षमताओं वाले लोगों से मिलते हैं, तो हमें साझा मानवता का अहसास होता है।”
स्पेशल ओलंपिक भारत की अध्यक्ष डॉ. मल्लिका नड्डा ने समावेशी समाज की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा:
“विकलांग व्यक्तियों को न केवल शामिल करना बल्कि उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देना हमारी जिम्मेदारी है।”
फ्रे. अग्नेल स्कूल के निदेशक फादर जोस कार्वाल्हो ने कहा:
“क्रिसमस प्रेम और निस्वार्थता का त्योहार है। हमें सभी की गरिमा और महत्व को पहचानना चाहिए।”
चावरा सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फादर रोबी कन्ननचीरा ने कहा:
“क्रिसमस केवल उत्सव नहीं, बल्कि बिना शर्त प्रेम और समावेशिता का आह्वान है।”
कार्यक्रम में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डॉ. इकबाल सिंह लालपुरा और कई अन्य गणमान्य अतिथि भी शामिल हुए।
क्रिस्तु महोत्सव 2024 ने न केवल क्रिसमस की भावना को जीवंत किया, बल्कि समावेशिता, करुणा और दान के महत्व को भी उजागर किया।